माघ पूर्णिमा का महत्व क्या है ?
धार्मिक मान्यता है कि माघ पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही व्यक्ति को मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में निहित है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। अत: महज माघ पूर्णिमा के दिन महज स्पर्श करने से जातक को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
माघी पूर्णिमा के दिन करें इस वृक्ष की पूजा
माघी पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए इस दिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। साथ ही कुछ सफेद फूल अर्पित करके भोग लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है
पूर्णिमा की रात को क्या होता है?
माघ पूर्णिमा 2023 तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ माह के पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी 2023 को रात 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी, जो 5 फरवरी 2023 को रात 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।
आयुष्मान योग- सूर्योदय से दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक
सौभाग्य योग- दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक से 6 फरवरी दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक।