Diwali 2023 Date: इस साल कब है दिवाली, जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी को ठाकुरप्रसाद कैलेंडर में आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ साल 2023 में दिवाली कब है तो आइये जानते है विस्तार रूप से ।
Diwali 2023- हिंदी पंचांग के अनुसार साल 2023 में कार्तिक माह की अमावस्या 12 नवंबर को है। इस दिन दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से अमावस्या शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक है।
दीवाली 2023 पूजा महत्व
शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन की माता लक्ष्मी क्षीरसागर से प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन उनकी उपासना विशेष रूप से की जाती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर को सजाया जाता है और दीपक से हर कोने के अंधकार को मिटाया जाता है। मान्यता यह भी जाता है कि दिवाली की रात ही लक्ष्मी और भगवान विष्णु विवाह के बंधन में बंधे थे, जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है
दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इस दिन भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण 14 साल के वनवास के बाद आए थे। इस साल दिवाली के लिए आपको थोड़ा लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं साल 2023 में कब है दिवाली का पर्व।
Diwali 2023: दीपावली या दिवाली रोशनी का त्योहार है और साल के सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। जैसा कि रामायण में बताया गया है, इस दिन है जब भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण 14 साल वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज तक रहता है। आइए जानते हैं इस साल कब है दिवाली का त्योहार।
दिवाली की तिथि
हिंदी पंचांग के अनुसार, साल 2023 में कार्तिक माह की अमावस्या 12 नवंबर को है। इस दिन दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से अमावस्या शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक है। सनातन शास्त्र में उदयातिथि मान्य है। इसके लिए 13 नवंबर को दिवाली मनाई जानी चाहिए। हालांकि, दिवाली को रात के समय में धन की देवी की पूजा की जाती है। इसके लिए 12 नवंबर को भी दिवाली मनाई जा सकती है।
दिवाली 2023 शुभ मुहूर्त
पूजा शुभ मुहूर्त: संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 36 मिनट तक है। इस दौरान साधक पूजा उपासना कर सकते हैं।
प्रदोष काल : शाम 5 बजकर 29 मिनट से 8 बजे 7 मिनट तक है।
वृषभ काल : संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 36 मिनट तक है।
महानिशीथ काल: देर रात 11 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान भी मां की पूजा उपासना कर सकते हैं।
सिंह काल : देर रात 12 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 30 मिनट तक है