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मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?
भारत के प्रमुख त्योहारों में शुमार मकर संक्रांति का पर्व प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में मनाया जाता है। तो अन्य त्योहारों की भांति मकर संक्रांति के अवसर पर भी कुछ परंपराओं का पालन किया जाता है। लेकिन इन परंपराओं और मान्यताओं के बीच एक चीज जो पूरे त्योहार में आकर्षण का केन्द्र बनकर सामने आती है, वह है पतंग उड़ाना। मकर संक्रांति के मौके पर हर उम्र के लोग पूरे जोश और मस्ती से पतंग उड़ाते हैं। इस पर्व पर पतंग उड़ाना सेहत के लिए विशेष रूप से लाभदायी माना गया है। पतंग उड़ाने के पीछे कोई धार्मिक पक्ष नहीं है।
वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, उत्तरायण में सूर्य की गर्मी शीत के प्रकोप व शीत के कारण होने वाले रोगों को समाप्त करने की क्षमता रखती है। ऐसे में घर की छतों पर जब लोग पतंग उड़ाते हैं तो सूरज की किरणें एक औषधि की तरह काम करती हैं। इसलिए मकर संक्रांति के दिन को पतंग उड़ाने का दिन भी कहा जाता है। इस पर्व से ही शुभ कार्यों की शुरूआत होती है क्योंकि मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तर की ओर गमन करने लगता है। ऐसे में शुभता की शुरूआत का जश्न मनाने के लिए पतंग का सहारा लिया जाता है।
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