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आखिर क्यों मनाई जाती है रामनवमी?
शास्त्रों के अनुसार राम नवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। रावण के अत्याचारों को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने भगवान राम के रूप में अवतार लिया था। भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी। आज के दिन हर घर में मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा होती है। नवरात्रि का समापन कन्याओं को हलवा पूड़ी के भोग के साथ किया जाता है। वहीं, राम नवमी के लिए श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं। इस दिन असंख्य लोग अयोध्या जाकर सरयू नदी में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।
हिन्दू धर्म के बहुत से लोग आज भी नमस्कार के रूप में राम-राम कहते हैं और कोई विपत्ति, भय या संकट होने पर हे राम! कहते हैं। पुराणों और शास्त्रों के अनुसार राम का नाम भगवान राम से भी बड़ा है। खुद महादेव भी राम का नाम जाप करते है। राम का नाम दुखों को हरने वाला, दुखों को हराने वाला होता है। भारत ही नहीं विदेश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के मुहूर्त को शुभ कार्यों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन सभी मांगलिक कार्य बिना सोचे समझे कर सकते हैं। गृह प्रवेश, दुकान या व्यवसाय का मुहूर्त भी इस दिन लोग करवाते हैं।
आज का महाउपाय-
अज्ञात भय की समाप्ति के लिए नवमी तिथि या अर्पण कर दान करने से अज्ञात भय समाप्त होता है।
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