Hartalika Teej 2024 :सितम्बर में कब हैं हरतालिका तीज ? जानें शुभ मुहूर्त ,महत्व व पूजा विधि

हरतालिका तीज हिंदू कैलेंडर के छठे माह भाद्रपद में मनाई जाती है. सभी तीज व्रतों में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है. यह व्रत माता पार्वती से जुड़ा हुआ है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखते हैं. यह निर्जला व्रत होता है, इसमें व्रती को अन्न और जल ग्रहण नहीं करना होता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि हरतालिका तीज कब है? हरतालिका तीज पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं? हरतालिका तीज की पूजा का मुहूर्त क्या है?

हरतालिका तीज 2024 तारीख

वैदिक पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सिंतबर को 12:21 पीएम से शुरू होगी और 6 सितंबर को 03:01 पीएम तक मान्य रहेगी. ऐसे में हरतालिका तीज 6 सितंबर को है. उस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होगी.

3 शुभ योग में हरतालिका तीज 2024

इस साल की हरतालिका तीज पर 3 शुभ योगों का निर्माण होगा. उस दिन रवि योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग बनेंगे. तीज वाले दिन रवि योग सुबह 09:25 ए एम से शुरु होगा और अगले दिन 7 सितंबर को 06:02 ए एम तक रहेगा. इसके अलावा उस दिन शुक्ल योग सुबह से रात 10:15 पी एम तक रहेगा. उसके बाद से ब्रह्म योग शुरू होगा. व्रत के दिन हस्त नक्षत्र 09:25 ए एम तक है, उसके बाद चित्रा नक्षत्र है.

हरतालिका तीज का देवी पार्वती से संबंध

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती की सखियों को जब पता चला कि उनके पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से करने की तैयारी कर रहे हैं तो वे देवी पार्वती को महल से ले जाकर जंगल में एक गुफा में छिपा दिया. वहां पर माता पार्वती ने हजारों सालों तक तप, जप और पूजन किया ताकि भगवान शिव प्रसन्न हों. फिर दोनों का विवाह हो. मां पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ प्रकट हुए. उनके आशीर्वाद से मां पार्वती शिव जी को पति स्वरूप में पाने में सफल हुईं.

ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल तृतीया को माता पार्वती की मनोकामना पूर्ण हुई थी, जिसकी वजह से युवतियां भी हरतालिका तीज का व्रत रखकर शिव और पार्वती की पूजा करती हैं, वहीं सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए यह व्रत करती हैं

हरतालिका तीज 2024 मुहूर्त
6 सितंबर को हरतालिका तीज की पूजा का दिन का मुहूर्त 06:02 ए एम से 08:33 ए एम तक है. यह पूजा मुहूर्त उन लोगों के लिए है, जिनके यहां दिन में ही हरतालिका तीज की पूजा होती है. वैसे हरतालिका तीज की पूजा शाम के समय में करते हैं. हरतालिका की पूजा आप सूर्यास्त के बाद यानी 06:36 पी एम के बाद से कर सकती हैं. प्रदोष काल में होने वाली पूजा रवि योग में होगी.

हरतालिका तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:30 ए एम से 05:16 ए एम तक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त यानी उस दिन का शुभ मुहूर्त 11:54 ए एम से 12:44 पी एम तक है.

 

हरतालिका तीज: तिथि का समय, पूजा मुहूर्त, अनुष्ठान और तिथियां

हरतालिका तीज (या तीज) हिंदू महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले सभी तीन तीज त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण है (अन्य कजरी तीज और हरियाली तीज हैं)। यह हिंदू माह भाद्रपद में शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) की तृतीया (तीसरे दिन) को मनाया जाता है।
इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए और अविवाहित लड़कियां अच्छा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। यह त्यौहार देवी पार्वती और भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है।

हरतालिका तीज 2024 06 सितंबर, शुक्रवार को है
आयोजन में 21 दिन शेष हैं

हरतालिका तीज 2022 पर पूजा मुहूर्त और महत्वपूर्ण समय (उज्जैन, भारत):
प्रातःकाल हरतालिका पूजा मुहूर्त = 06:18 पूर्वाह्न – 08:43 पूर्वाह्न
प्रदोषकाल हरतालिका पूजा मुहूर्त = 06:24 अपराह्न – 12:39 अपराह्न
तृतीया तिथि का समय = 011:09 पूर्वाह्न, 17 सितंबर से 12:39 अपराह्न, 18 सितंबर तक।

ऋषि पंचमी, तीज त्योहार का तीसरा और आखिरी दिन (मुख्य रूप से नेपाल में) 08 सितंबर, 2024 रविवार को पड़ता है। 2025 ऋषि पंचमी 28 अगस्त, गुरुवार को है।

हरतालिका शब्द ‘हरत’ यानी अपहरण और ‘आलिका’ यानी महिला मित्र को मिलाकर बना है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन देवी पार्वती के अवतार का उनकी इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से विवाह रोकने के लिए उनकी सखियों ने अपहरण कर लिया था। अंततः बाद में उनका विवाह भगवान शिव से हुआ।

हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार होने के नाते, हरतालिका तीज देश के अधिकांश हिस्सों में समान उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड और बिहार में उत्सव और भी भव्य होता है। मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी उत्सव देखा जा सकता है।

राजस्थान राज्य में संगीत और गायन के साथ देवी पार्वती की मूर्ति लेकर एक विशाल जुलूस निकाला जाता है। दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हरतालिका तीज व्रत को गौरी हब्बा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं देवी गौरी से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करती हैं।

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