Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन पर राखी बांधने का सही समय क्या रहेगा, इस साल भद्रा कब तक रहेगी?
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ठाकुरप्रसाद कैलेंडर वेबसाइट पर आज हम आपको बताने जा रहे है रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त और महत्व तो चलिए जानते जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन का त्यौहार है ।
आइए जानते हैं कि 2024 में रक्षाबंधन कब है व रक्षाबंधन 2024 की तारीख व मुहूर्त। रक्षाबंधन का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाते हैं; इसलिए इसे राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का उत्सव है। इस दिन बहनें भाइयों की समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर रंग-बिरंगी राखियाँ बांधती हैं, वहीं भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। कुछ क्षेत्रों में इस पर्व को राखरी भी कहते हैं। यह सबसे बड़े हिन्दू त्योहारों में से एक है
हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में राखी का त्योहार काफी महत्व रखता है. यह त्योहार भाई-बहनों में प्यार और स्नेह का प्रतीक है.
रक्षाबंधन मुहूर्त
रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास में उस दिन मनाया जाता है जिस दिन पूर्णिमा अपराह्ण काल में पड़ रही हो। हालाँकि आगे दिए इन नियमों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है–
1. यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्ण काल में भद्रा हो तो रक्षाबन्धन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो, तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्ण काल में करने चाहिए।
2. लेकिन यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती 3 मुहूर्तों में न हो तो रक्षा बंधन को पहले ही दिन भद्रा के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकते हैं।
यद्यपि पंजाब आदि कुछ क्षेत्रों में अपराह्ण काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, इसलिए वहाँ आम तौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्यौहार मनाने का चलन है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाने का पूरी तरह निषेध है, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो।
ग्रहण सूतक या संक्रान्ति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है।
क्यों मनाई जाती है राखी
रक्षाबंधन का जिक्र प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और महाकाव्यों में भी है. एक प्रचलित कथा के अनुसार, महाभारत में जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने खून को रोकने के लिए अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर बांधा था. जिसके बाद कृष्ण ने उनकी रक्षा करने का वादा किया था. माना जाता है कि यहीं से राखी के त्योहार की शुरुआत हुई थी.
रक्षाबंधन का महत्व
हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में राखी का त्योहार काफी महत्व रखता है. यह त्योहार भाई-बहनों में प्यार और स्नेह का प्रतीक है. इस दिन बहन-भाई पारंपरिक पोशाक पहनते हैं. बहनें राखी, रोली, चावल के दाने, मिठाई, दीया और रक्षा सूत्र की थाली तैयार करती हैं. बहनें भाई की आरती करके उनके माथे पर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधती हैं. भाई बहन को प्यार से उपहार और पैसे देते हैं. राखी सुरक्षा, देखभाल और सम्मान को दिखाता है. यह एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारियों का एहसास दिलाता है