Sawan 2025: जाने कब से शुरू हो रहा हैं सावन ,कितने पड़ेंगे सावन सोमवार नोट कर ले तिथियां
Sawan 2025:
शास्त्रों में भी सावन मास के महत्व का जिक्र मिलता है। सावन मास में भगवान शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन का महीना हिंदू पंचांग का पांचवा महीना होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता
Sawan 2025 Start Date : ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है।
सावन सोमवार 2025 व्रत लिस्ट (Sawan 2025 Monday Date)
सावन पहला सोमवार 14 जुलाई 2025
सावन दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025
सावन तीसरा सोमवार 28 जुलाई 2025
सावन चौथा सोमवार 4 अगस्त 2025
सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि (Sawan Somwar Vrat 2025 Puja Vidhi)
सावन के पहले सोमवार पर जल्दी उठें और स्नान करें।
साफ कपड़े पहनें।
हाथ में जल, पुष्प और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
पूजा की थाली तैयार करें और एक वेदी भगवान शिव, माता पार्वती व गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
उनका विधिपूर्वक अभिषेक करें।
बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, धूप, दीप, फल, फूल, मिठाई, पंचामृत आदि चीजें चढ़ाएं।
शिवलिंग पर भी गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करें।
सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।
धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
व्रत के दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें और सिर्फ फलाहार के रूप में फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सेंधा नमक आदि का सेवन कर सकते हैं।
व्रत के समापन के बाद ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें
राशि अनुसार उपाय से मिलती है कृपा
सावन में राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है। इस महीने में भोलेशंकर की विशेष अराधना की जाती है। लोग भोले शंकर का रुद्राभिषेक कराते हैं।
कावड़ यात्रा से होती है मनोकामना पूर्ति
सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है इस महीने भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा होती है। सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं।
सब दुख दर्द दूर करता है ये पंचाक्षरीय मंत्र
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय मंत्र जप का भी बहुत महत्व होता है। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से सभी तरह के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माह में पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए
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