मुंडन संस्कार मुहूर्त 2024 | Mundan Sanskar Muhurat 2024…

हिन्दू धर्म में 16 संस्कार किये जाते है जिसमे से आठवां संस्कार है मुंडन संस्कार | जन्म के समय से जो बाल बच्चे के सिर  पर  होते है वो हिन्दू धर्म से शुभ नहीं मने जाते है इसलिए उन्हें उतार दिया जाता है ऐसा माना जाता है कि मनुष्य का जन्म 84 लाख योनियों के बाद आता है और पिछले के जितने भी जन्मों  के पाप लेकरा आता  है वो भी बाल उतारने के साथ ही अलग हो जाते हैं और वह अपने पूर्व जन्म के दोषमुक्त हो जाता है

जातक के जन्म से विषम वर्ष में किया जाता है जैसे पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवे या सातवे वर्ष बाल उतारे  जाते है और यज्ञ किया जाता है इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है

कही कही पर मुंडन के समय सर पर शिखा या चोटी  भी छोड़ दी जाती है माना  जाता है कि इससे राहु ग्रह  की शांति होती है

दिनांक आरंभ काल समाप्ति काल
सोमवार, 19 फरवरी 06:25:53 10:33:50
बुधवार, 21 फरवरी 11:30:13 30:24:21
गुरुवार, 22 फरवरी 06:23:35 13:24:29
गुरुवार, 29 फरवरी 06:17:42 30:24:48
शुक्रवार, 08 मार्च 06:10:22 22:00:14
बुधवार, 20 मार्च 05:58:33 22:39:07
बुधवार, 27 मार्च 05:51:30 29:51:30
गुरुवार, 28 मार्च 05:50:30 18:38:36
गुरुवार, 04 अप्रैल 05:43:30 29:43:30
शुक्रवार, 05 अप्रैल 05:42:31 13:31:31
सोमवार, 15 अप्रैल 05:33:05 12:14:02
शुक्रवार, 03 मई 05:18:39 24:07:07
शुक्रवार, 10 मई 10:47:34 26:52:24
सोमवार, 20 मई 16:00:52 29:09:38
शुक्रवार, 24 मई 19:26:57 29:08:18
बुधवार, 29 मई 13:42:06 29:07:05
गुरुवार, 30 मई 05:06:54 11:46:17
सोमवार, 10 जून 16:17:22 21:40:32
सोमवार, 17 जून 05:06:53 30:26:46
शुक्रवार, 21 जून 07:33:35 18:19:05
सोमवार, 24 जून 15:54:50 25:25:31
बुधवार, 26 जून 05:08:55 20:57:36
सोमवार, 15 जुलाई 19:21:23 24:30:25

मुंडन मुहूर्त के लिए तिथि, नक्षत्र और मास विचार

●  हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ (बड़े बच्चे का मुंडन इस माह में न करें, साथ ही इस माह में जन्म लेने वाले बच्चे का मुंडन भी न करें), आषाढ़ (मुंडन आषाढ़ी एकादशी से पहले करें), माघ और फाल्गुन मास में बच्चों का मुण्डन संस्कार कराना चाहिए।
●  तिथियां में द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी जाती है।
●  मुंडन के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार शुभ दिन माने गये हैं। वहीं शुक्रवार के दिन बालिकाओं को मुंडन नहीं करना चाहिए।

मुंडन संस्कार के लाभ

●  मुण्डन के बाद बच्चों के शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। इससे मस्तिष्क स्थिर रहता है, साथ ही बच्चों को शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ नहीं होती हैं।
●  मुण्डन के प्रभाव से बच्चों को दांतों के निकलते समय होने वाला दर्द अधिक परेशान नहीं करता है।
●  जन्मकालीन केश उतारे जाने के बाद सिर पर धूप पड़ने से विटामिन डी मिलता है। इससे कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह अच्छी तरह से होता है और इसके प्रभाव से भविष्य में आने वाले बाल बेहतर होते हैं.
●  मुंडन के संदर्भ में यजुर्वेद में उल्लेख है कि, मुंडन संस्कार बल, आयु, आरोग्य तथा तेज की वृद्धि के लिए किया जाने वाला अति महत्वपूर्ण संस्कार है।

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