हिन्दु पंचाग में चौघड़ियां का क्या महत्व है?

हिन्दु पंचाग में चौघड़ियां का क्या महत्व है?

कोई भी काम हो या यात्रा प्रवास जो उस समय आपको कोई मुहूत्र्त न हो तो उस समय चौघड़ियों का सहारा लेना पड़ता है। इसके अंतर्गत समय को रोग, उद्धेग, चर, लाभ, अमृत, काल, शुभ, चाल आदि में बांटा जाता है। चौघड़ियां मुहूत्र्त सूर्योदय पर आधारित है। हर प्रदेश व विदेश के शहर में सूर्योदय का समय अलग-अलग होता है इसलिए उस शहर की चौघड़ियां भी अलग-अलग समय में होती हैं। चौघड़ियां मुहूर्त में सबसे अधिक अमृत, लाभ, शुभ तथा चर को मध्यम स्तर तक अशुभ माना जाता है। उद्धेग, रोग व काल को अशुभ माना जाता है। अमृत में पूजा, समारोह करना विशेष शुभता देता है। लाभ में क्रय-विक्रय के कार्य, तथा गतिशील वस्तुओं को क्रय करने के लिये चर व शुभ मुहुर्त को प्रयोग किया जा सकता है। रोग समय में यात्रा आरम्भ करना इसके नाम के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। शुभ समय चौघड़ियां शुभ, चार, अमृत और लाभ हैं। अशुभ समय चौघड़ियां उद्वेग, रोग और काल का होता है इसको छोड़ देना चाहिए। आपको जिस दिन का चौघड़ियां जाननी हो आप उस दिन का पंचांग आप देख लें वहां चौघड़ियां का वर्णन किया गया होता है। वैसे तो आप अपनी सुविधा के अनुसार निर्यण करने के स्वतंत्र होते हैं। आपको किसी भी कार्य पंचाग अनुसार करने पर बाध्य नहीं करते। यह आपकी इच्छा पर है कि आपने किस प्रकार अपने निर्णय लेने हैं।

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