पंजाबियों के इस त्योहार का नाम कैसे पड़ा लोहड़ी?

पंजाबियों के इस त्योहार का नाम कैसे पड़ा लोहड़ी?

लोहड़ी को पहले कई स्‍थानों पर लोह कहकर भी बुलाया जाता था। लोह का अर्थ होता है लोहा। यहां लोहे को तवे से जोड़कर देखा जाता है। लोहड़ी के मौके पर पंजाब में नई फसल काटी जाती है। गेहूं के आटे से रोटियां बनाकर लोह यानी तवे पर सेकीं जाती हैं। इसलिए पहले इस त्योहार को लोह के नाम से भी जाना जाता था। कई स्‍थानों पर लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता था। यह शब्‍द तिल और रोड़ी यानी गुड़ के मेल से बना है। समय के साथ इसे बदलकर लोहड़ी कहा जाने लगा। यह भी एक वजह है कि तिल के साथ इस त्‍योहार पर गुड़ की गजक भी खाने की परंपरा है। पंजाबी किसानों के लिए लोहड़ी इसलिए भी महत्‍वपूर्ण माना जाता है, क्‍योंकि लोहड़ी के अगले दिन से यहां नए साल की शुरुआत मानी जाती है। इसे बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जाता है। इस अवसर पर यहां नई फसल की पूजा की जाती है।

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